चार रूपों में भक्तों को दर्शन देने निकले बाबा महाकाल

राजधानी खबर/उज्जैन भगवान महाकाल की श्रावण मास की आखिरी सवारी सोमवार शाम 4 बजे निकाली गई। परंपरागत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को चांदी की पालकी में विराजित किया गया। पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजे। जैसे ही सवारी मंदिर परिसर के बाहर निकली बाहर मौजूद श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के जयघोष के साथ दोनों हाथ जोड़कर भगवान का अभिवादन किया। राजाधिराज चांदी की पालकी में __चंद्रमौलेश्वर, गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी पर उमा-महेश तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। -सवारी निकाले जाने के दौरान सवारी मार्ग पर कड़ाबीन के धमाके गूंजते रहे जो कि बाबा महाकाल की पालकी आने का संकेत देते रहे। -बाबा की पालकी के आगे चौबदार राजाधिराज के आने की आवाज लगाते हुए चल रहे थे, तो कहारों ने पालकी को अपने कांधों पर उठा रखा था। _-पालकी के साथ पुलिस बैंड, अश्वारोही दल, सशस्त्र जवान शामिल रहे। जवानों ने सवारी शुरू होने पर भगवान महाकालेश्वर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।